नई दिल्ली
अंतत: लगभग 5 साल के लंबे इंतजार के बाद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले समान नागरिक संहिता कानून को लेकर बड़ी घोषणा की है। आज से ही देश में समान नागरिक संहिता यानी CAA को लागू करने को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। जिसके बाद अब भारत के 3 पड़ोसी देशों के गैर मुस्लिम वर्ग के लोगों को भारत में नागरिकता देना आसान हो गया है। इसी के साथ ये सवाल उठने लगा है कि CAA के तहत किसे नागरिकता नागरिकता मिलेगा और किसे नहीं। आइये इस बारे में जानते हैं।
पोर्टल पर कराना होगा रजिस्ट्रेशन
CAA के अनुसार गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता लेने के लिए केंद्र सरकार एक पोर्टल तैयार कर रहा है। नागरिकता लेने के लिए शरणार्थियों को इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। मुस्लिम बहुल पड़ोसी देशों से भारत में शरण लेने वाले अल्पसंख्यकों को इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। सरकारी जांच के बाद उनको नागरिकता दी जायेगी। वहीं, बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आये विस्थापितों को दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होगी। अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से 3 दिसंबर 2014 से पहले आने वाले सिख, हिंदू, ईसाई, जैन, बौद्ध, जैन और पारसी समुदाय के लोगों को नागरिकता दी जायेगी।
मुस्लिमों को कैसे मिलेगी नागरिकता
CAA के माध्यम से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों जैसे हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी धर्म से जुड़े लोगों को भारतीय नागरिकता मिल सकेगी। जानना जरूरी है कि CAA कानून के मुताबिक जो लोग 31 दिसंबर 2014 से पहले आकर भारत में बस गए थे, उनको ही भारतीय नागरिकता मिलेगी। वहीं, मुस्लिमों को भारतीय नागरिकता तभी मिलेगी जब वे भारत में 11 साल रह चुके होंगे। हालांकि भारतीय संविधान में इसका प्रावधान पहले से है।
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